भारत-इज़रायल संबंध

आज हम जानेंगे की भारत-इज़राइल संबंध कैसे है? उनके बीच औपचारिक रूप से संबंध कब और कैसे स्थापित हुए? और इस विषय से संबन्धित अन्य जानकारी जो हमारे लिए जानना जरूरी है?

भारत-इज़राइल संबंध

भारत-इज़राइल संबंध 

  • भारत-इज़राइल संबंध भारत के लोकतंत्र और इज़राइल देश के बीच मे द्वि-पक्षीय संबंधो को दर्शाता है। 
  • आजादी के लगभग 45 साल के बाद भी अनेक कारणों की वजह से, भारत की इजरायल के साथ विदेश नीति बड़े पैमाने पर अस्पष्टीकृत बनी रही ।
  • सन 1947 और 1948 में ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन से आज़ादी प्राप्त करने वाले दो राष्ट्रों क्रमशः भारत और इजरायल इन दोनों के बीच ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध बहुत पुराने समय से चले आ रहे हैं।
  • 1992 तक भारत-इज़राइल के बीच मे कोई औपचारिक संबंध नहीं थे। इसके दो मुख्य कारण थे-
  • पहला उस वक्त भारत एक गुटनिरपेक्ष देश था जो पूर्व सोवियत संघ (वर्तमान रूस) का एक समर्थक था और दूसरे गुटनिरपेक्ष देशो की तरह भारत भी इज़राइल को मान्यता नहीं देता था।  
  • दूसरा मुख्य कारण था कि भारत फिलिस्तीन की आज़ादी का समर्थक था लेकिन बाद मे अपनी सोच को बदलते हुए उसने इज़राइल के साथ संबंधो को मजबूत किया। 
  • लेकिन 1992 में जब भारत में इज़राइल के दूतावास का उद्घाटन हुआ तो उसके बाद दोनों देशो (भारत-इज़राइल) के बीच औपचारिक रूप से राजनयिक संबंध स्थापित हुए।
  • 1992 मे  भारत-इज़राइल के बीच मे औपचारिक राजनयिक संबंधों की स्थापना के बाद भी जब 1996 और 1998 मे NDA (राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन) सरकारों के गठन के बाद ही दोनों देशों के संबंधों में अधिक मजबूती आने लगी।
  • इन दोनों लोकतांत्रिक देशो के बीच संबंध सरकार के दोनों प्रमुखों की यात्राओं के बाद और तेज और अच्छे हो गए।
  • भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी 2017 में इजराइल दौरे पर गए और 2018 में इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू भारत दौरे पर आए जो इन देशो के अच्छे संबंधो को दर्शाता है।
  • भारत और इज़राइल दोनों देशों ने ही सांस्कृतिक आदान-प्रदान, सुरक्षा और रक्षा, आतंकवाद का मुकाबला करना, अंतरिक्ष अनुसंधान, जल -ऊर्जा और कृषि विकास जैसे अनेक क्षेत्रों में सहयोग शुरू कर दिया है ।


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