आसियान ( दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्रों का संगठन )

आज हम जानेंगे की आसियान क्या है? इसकी स्थापना कब और कैसे हुई? इसके संस्थापक सदस्य कौन-कौन से है? इसके गठन के क्या कारण थे? इसके प्रमुख उद्देश्य क्या है? इसके प्रमुख स्तम्भ कौन-कौन है?

आसियान ( दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्रों का संगठन )

  • आसियान की स्थापना – 1967 मे हुई थी । 

  • इसकी स्थापना बैंकॉक घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर करके की गयी

  • संस्थापक सदस्य – इंडोनेशिया , मलेशिया , फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड ।

  • बाद के वर्षो में ब्रूनेई दारुस्सलाम, वियतनाम, लाओस , म्यांमार , कम्बोडिया के इस संघ में शामिल होने से इसकी सदस्य संख्या 10 हो गयी ।

 

  • 8 अगस्त आसियान दिवस के रूप में मनाया जाता है।

आसियान का झंडा

  •  इसमें धान की दस बालियाँ आसियान के 10 देशो को इंगित करती है जो आपस में मित्रता और एकता के धागे में बंधे है। 

  • इसके झंडे मे बना वृत इसकी एकता का प्रतीक है।

आसियान के गठन के कारण 

  • द्वितीय विश्व युद्ध के बाद और उसके दौरान दक्षिण पूर्व एशियाई देशो को बहुत-सी समस्याओ का सामना करना पड़ा जैसे – यूरोपीय और जापानी उपनिवेशवाद का शिकार होने के कारण इन देशों को भारी राजनैतिक और आर्थिक कीमत चुकानी पड़ी। 

  • इनके सामने राष्ट्र निर्माण की समस्या थी। 

  • ये देश गरीबी का शिकार थे। 

  • ये आर्थिक रूप से पिछड़े हुए थे। 

  • शीतयुद्ध के दौर में इन्हे किसी एक महाशक्ति के साथ जाने के दबाव को भी झेलना पड़ा। 

  • बांडुंग सम्मलेन और गुटनिरपेक्ष आंदोलन आदि के माध्यम से एशिया और तीसरी दुनिया के बीच एकता कायम करने के प्रयास अनौपचारिक स्तर पर कारगर साबित नहीं हुए ।

आसियान के प्रमुख उद्देश्य 

  • आर्थिक विकास को तेज करना । 

  • सामाजिक और सांस्कृतिक विकास प्राप्त करना। 

  • क्षेत्रीय शांति को बढ़ावा देना । 

  • इस क्षेत्र में होने वाले तनाव और संघर्ष को बातचीत द्वारा समाप्त करना । 

  • गरीबी जैसी समस्याओ को दूर करने के लिए एकजुट होना। 

IMP. अनौपचारिक , टकरावरहित और सहयोगात्मक मेल – मिलाप का नया उदाहरण पेश करके आसियान के काफी यश कमाया और इसको ही आसियान शैली कहा जाता है । 

आसियान के प्रमुख स्तम्भ 

आसियान के प्रमुख स्तम्भ 

  • इन स्तम्भों की स्थापना 2003 में हुई थी ।

1 आसियान सुरक्षा समुदाय 

उद्देश्य

  1. क्षेत्रीय विवादों को सैनिक टकराव तक ना ले जाना । 
  2. शांति , निष्पक्षता सहयोग और अहस्तक्षेप को बढ़ावा देना।  
  3. राष्ट्रों की आपसी सम्प्रभुता का सम्मान करना।  
  4. इसके देशों की सुरक्षा और विदेश नीतियों में तालमेल बनाने के लिए 1994 में आसियान क्षेत्रीय मंच (ARF) की स्थापना की गयी ।

2 आसियान आर्थिक समुदाय 

उद्देश्य 

  1. इसके देशो के लिए साझा बाजार तैयार करना। 
  2. इन देशो के लिए उत्पादन का आधार तैयार करना । 
  3. इस इलाके में सामाजिक और आर्थिक विकास में मदद करना।  
  4. यह संगठन देशो के मध्य आर्थिक विवादों को निपटाने के लिए बनी मौजूदा व्यवस्था को सुधारना चाहेगा । 
  5.  इसने निवेश , श्रम और सेवाओं के मामले में मुक्त व्यापार क्षेत्र (FTA) बनाने पर भी ध्यान दिया है ।

3. आसियान सामाजिक – सांस्कृतिक समुदाय

कार्य

  1. देशो के मध्य टकराव की जगह बातचीत और सहयोग को बढ़ावा देना और मानव संसाधन के लिए समान पहुंच प्रदान करना है।
  2. यह कमजोर समूहों वाले लोगों तक प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा पहुँचाता है।
तीन उद्देश्य निर्धारित हैं:
  1. शिक्षा को आगे बढ़ाना और प्राथमिकता देना
  2. मानव संसाधन विकास में निवेश और
  3. सभ्य और समाज कल्याण वाले कार्यो को बढ़ावा देना।

आसियान विजन 2020 

यह एक ऐसा संगठन है जो बड़ी तेजी से विकास कर रहा है । इसके विजन 2020 में निम्नलिखित मुख्य बाते सम्मलित है :-

  • अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर इसकी बहुर्मुखी भूमिका को प्राथमिकता दी गयी है। 

  • इसने अपने देशो के विवाद सम्बन्धी मामलो में बातचीत के द्वारा समस्या के समाधान पर बल दिया गया है ।

  • इसी आधार पर इस ने कम्बोडिया टकराव को समाप्त किया , पूर्वी तिमोर के संकट को संभाला , पूर्वी एशियाई सहयोग पर बातचीत के लिए 1999 से नियमित रूप से वार्षिक बैठक आयोजित की है ।

IMP.

  1. भारत ने मलेशिया , सिंगापुर और थाईलैंड (आसियान सदस्यों) के साथ मुक्त व्यापार का समझौता किया हैं ।

  2. 2010 में आसियान – भारत मुक्त व्यापार क्षेत्र व्यवस्था लागू हुई ।

  3. भारत ने 1991 में लुक ईस्ट और 2014 में एक्ट ईस्ट नीति अपनायी इससे पूर्वी एशिया के देशो ( आसियान , चीन , जापान और दक्षिण कोरिया ) से उसके आर्थिक सम्बन्धो में बढ़ोतरी हुई है ।

यह एशिया का एकमात्र ऐसा क्षेत्रीय संगठन है जो एशियाई देशो और विश्व शक्तियों को राजनैतिक और सुरक्षा मामलो पर चर्चा के लिए राजनैतिक मंच उपलब्ध करता है ।


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