CHAPTER 3 सत्ता के वैकल्पिक केंद्र – चीन

आज हम जानेंगे की क्यो चीन को सत्ता के वैकल्पिक केंद्र के रूप मे देखा जाना चाहिए।? इसने किस प्रकार अपना विकास किया?चीन की विशेषताएं क्या है आदि । 

चीन- सत्ता के वैकल्पिक केंद्र के रूप मे-

माओ के नेतृत्व मे हुआ चीन का विकास

  • 1949 में माओ के नेतृत्व में हुई साम्यवादी क्रांति के बाद चीनी गणराज्य की स्थापना हुई ।

  • शुरू में चीन में साम्यवादी अर्थव्यवस्था को अपनाया गया था लेकिन साम्यवादी अर्थव्यवस्था को अपनाने से चीन को निम्नलिखित समस्याओ का सामना करना पड़ा –

  1. इसने विशाल औद्योगिक विकास के लिए अपने सारे संसाधनों को उद्योग में लगा दिया ।
  2. इसने खेती से पूंजी निकल कर सरकारी नियंत्रण में बड़े उद्योग खड़े करने पर जोर दिया क्योकि उसके पास तकनीक और विदेशी मुद्रा की कमी थी ।
  3. इसने अपने नागरिको को शिक्षित करने और उन्हें स्वास्थ्य सुविधाएँ प्रदान करने में विकसित देशो से भी आगे निकल गया था लेकिन उसकी बढ़ती हुई जनसंख्या उसकी विकास दर पर पानी फेर रही थी ।
  4. कृषि परंपरागत तरीको पर आधारित होने के कारण वहाँ के उद्योगों की जरूरतों को पूरा नहीं कर पा रही थी ।

चीनी सुधारो की पहल 

  • इसने 1972 में अमरीका से सम्बन्ध बनाकर अपने राजनीतिक और आर्थिक एकांतवास को समाप्त किया ।

  • 1973 में प्रधानमंत्री चाऊ एनलाई ने कृषि , उद्योग , सेना और विज्ञान- प्रौद्योगिकी के क्षेत्र आधुनिकीकरण के चार प्रस्ताव रखे ।

चीन के आधुनिकीकरण के चार प्रस्ताव

  • 1978 में देंग श्याओपेंग ने यहाँ आर्थिक सुधारो और खुले द्वार की नीति की घोषणा की ।

  •  इसने अर्थव्यवस्था को चरणबद्ध तरीके से खोला ।

  • 1982 में खेती का निजीकरण किया गया ।

  • 1998 में उद्योगों का निजीकरण किया गया ।

  • चीन में विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ-SPECIAL ECONOMIC ZONE ) की स्थापना की गयी ।

  • चीन 2001 में विश्व व्यापार संगठन में शामिल हो गया ।

चीनी सुधारो के नकारात्मक पहलू 

  • वहां के आर्थिक सुधारो का लाभ समाज के सभी वर्गों को नहीं मिला ।

  • वहाँ बेरोजगारी बढ़ी ।

  • महिलाओ के रोजगार और काम करने के हालात बहुत ख़राब है ।

  • विकास की गतिविधियों ने पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंचाया ।

  • वहाँ भ्रष्टाचार बढ़ा ।

  • ग्रामीण और शहरी लोगो के बीच आर्थिक फासला बढ़ा ।

चीन की विशेषताएँ 

  • जनसंख्या के मामले में विश्व में प्रथम स्थान है ।

  • यह UNO का स्थायी सदस्य है इसी कारण इसके पास वीटो पावर भी है ।

  • एक अनुमान के अनुसार अगर चीन इसी गति से विकास करता रहा तो 2040 तक यह अमेरिका से भी आगे निकल जाएगा ।

  • यह एक परमाणु संपन्न देश है ।

  • इसके पास विश्व की तीसरी सबसे बड़ी सेना है (स्रोत – गूगल)।

Military Strength of nations 2020

  • यह कम्प्यूटर , मोबाइल , मशीनी उपकरणों आदि का एक बहुत बड़ा निर्यातक देश है ।

  • 2018 के आंकड़ों के अनुसार इसकी जीडीपी की औसत वृद्धि 9.5% है ।

भारत-चीन संबंध

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