सरदार वल्लभ भाई पटेल का राष्ट्रीय एकता मे योगदान

आज हम जानेंगे की सरदार वल्लभ भाई पटेल ने देश की एकता के लिए क्या योगदान दिया? क्यो उन्हे लौहपुरुष के नाम से जाना जाता है? सरदार वल्लभ भाई पटेल क्या-क्या किया?

सरदार वल्लभ भाई पटेल

सरदार वल्लभ भाई पटेल

  • भारत के पहले उप प्रधान मंत्री और गृह मंत्री, सरदार वल्लभभाई पटेल,खेडा सत्याग्रह (1918) और बारडोली सत्याग्रह (1928) के बाद स्वतंत्रता आंदोलन के एक प्रमुख नेता के रूप में उभरे थे ।

  • स्वतंत्रता के समय देशी रियासतों के एकीकरण की समस्या राष्ट्रीय एकता और भारत की अखंडता के लिए एक बड़ी चुनौती थी ।

  • ऐसे कठिन समय में, सरदार वल्लभ भाई पटेल ने भारत की सभी 565 रियासते को एकजुट करने का कठिन कार्य किया था ।

  • सरदार पटेल जी को भारत के ‘आयरन मैन(लौहपुरुष)’ के रूप में जाना जाता है।

  • पटेल के रियासतो के विलय के प्रश्न पर दृष्टिकोण बहुत स्पष्ट थे और वह भारत की क्षेत्रीय अखंडता और एकता के साथ किसी भी प्रकार के समझौते के पक्ष मे नही थे ।

  • उनके राजनैतिक अनुभव, कूटनीतिक कौशल और दूरदर्शिता के आधार पर, भारत की 565 रियासतों में से कई स्वतंत्रता प्राप्ति से पहले ही भारत के साथ विलय करने के लिए अपनी सहमति दे चुके थे।

  • सरदार पटेल को तीन राज्यों अर्थात हैदराबाद, जूनागढ़ और कश्मीर के एकीकरण की महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करना पड़ा।

  • उनके नेतृत्व में ही भारतीय सेनाओं ने हैदराबाद और जूनागढ़ को भारत में विलय के लिए मजबूर किया।

  • जिन्ना की विभाजनकारी ‘टू नेशन थ्योरी’ से पाकिस्तान के इरादों को भली-भांति ध्यान में रखते हुए, कश्मीर पर सरदार पटेल की राय अन्य नेताओं से अलग थी।

  • वह हैदराबाद की तरह ही सैन्य माध्यम से भारत के साथ कश्मीर का एकीकरण चाहते थे। लेकिन विभिन्न कारणों के कारण, सरदार कश्मीर को भारत के साथ पूरी तरह से एकीकृत करने में सफल नहीं हो सके। तथापि,

  • सरदार हमेशा एक अद्भुत नेता के रूप में बने रहेंगे, जो अपने आप में एक सच्चे राष्ट्रवादी की विशेषताओं को संयुक्त करते है।